Want to know who is Pretraj? Go to Mehandipur Balaji. He is king of bhoot and preta, as his name suggests; he along with Bhairav and Balaji supposed to cure people, who are tormented by evil spirits. People who go to these Tri-Murtis, offer Rice to Pretraj, Udad-Ki-Daal to Bhairav, and Laddu to Balaji Hanuman. Every shop sells prasad there and it comes at fixed rate with average quality.
Behind the back of Pretraj statue, there is a big hall — you can see there lots of troubled people and their attendants praying for the grace of Pretraj, Balaji and Bhairav to cure their problems.
Apart from Mehandipur Balaji I didn’t see Pretraj temple anywhere, if you know any such temple pls mention in comments so it could help other people. Following Chalisa and Aarti is for enhancing Preraj grace on you, and if he is happy to you, he may exorcise any evil spirit just in a second. If you already worship lord Hanuman and Bhairav then worshiping him may give you an added advantage.
Pretraj Chalisa
|| दोहा ||
गणपति की कर वंदना , गुरू चरनन चित लाय, प्रेतराज जी का लिखूँ, चालीसा हरषाय ||
जय जय भूतादिक प्रबल, हरण सकल दुख भार, वीर शिरोमणि जयति , जय प्रेतराज सरकार ||
|| चालीसा ||
१) जय जय प्रेत्रराज जगपावन, महा प्रबल त्रय ताप नसावन ||
२) विकट वीर करूणा के सागर , भक्त कष्ट हर सब गुण आगर ||
३) रतन जडित सिहासन सोहे , देखत सुर नर मुनि मन मोहे ||
४) जगमग सिर पर मुकुट सुहावना, कनन कुण्डल अति मनभावन ||
५) धनुष कृपाण बाण अरु भाला, वीर वेष अति भृकुटि कराला ||
६) गजारूढ संग सेना भारी, बाजत ढोल मृदंग जुझारी ||
७) छ्त्र चँवर पंखा सिर डोले , भक्त वृंद मिल जय जय बोले ||
८) भक्त शिरोमणि वीर प्रचण्डा, दुष्ट दलन शोभीत भुजदण्डा ||
९) चलत सैन कांपत भूतलहूँ , दर्शन करत मिटत कलिमलहूँ ||
१०) घाटा मेहदीपुर मे आकर, प्रकटे प्रेतराज गुण सागर ||
११) लाल ध्वजा उड रही गगन मे, नाचत भक्त मगन हो मन मे ||
१२) भक्त कामना पुरन स्वामी, बजरंगी के सेवक नामी ||
१३) इच्छा पुरन करने वाले , दुख संकट सब हरने वाले ||
१४) वो जिस इच्छा से आते है , वे सब मनवाछित फल पाते है ||
१५) रोगी सेवा मे जो आते , शीघ्र स्वस्थ होकर घर जाते ||
१६) भूत, पिशाच, जिन्न बेताला, भागे देखत रुप कराला ||
१७) भौतिक शारीरिक सब पीडा, मिटा शीघ्र करते है क्रीडा ||
१८) कठिन काज जग मे है जेते, रटत नाम पूरा सब होते ||
१९) तन मन धन से सेवा करते , उनके सकल कष्ट प्रभू हरते ||
२०) हे करुणामय स्वामी मेरे, पडा हुआ हूँ चरण में तेरे ||
२१) कोई तेरे सिवा न मेरा, मुझे एक आश्रय प्रभु तेरा ॥
२२) लज्जा मेरी हाथ तिहारे, आन पड़ा हूँ चरण सहारे ॥
२३) या विधि अरज करे तन मन से , छूटत रोग शोक सब तन से ||
२४) मेहदीपुर अवतार लिया है, भक्तो का दुख दूर किया है ||
२५) रोगी पागल सान्ति हीना, भूत व्याधि अरु धन छीना ||
२६) जो जो तेरे द्वारे आते , मनवांछित फल पा घर जाते है ||
२७) महिमा भूतल पर छाई है, भक्तो ने लीला गाई है ||
२८) महंत गणेश पूरी तपधारी, पूजा करते तन मन वारी ||
२९) हाथो मे ले मुगदर घोटे , दूत खडे रहते है मोटे ||
३०) लाल देह सिन्दूर बदन मे, कापत थर- थर भूत भवन में ||
३१) जो कोई प्रेतराज चालीसा, पाठ करत नित एक अरु बीसा ||
३२) प्रतः काल स्नान करावै, तेल और सिन्दूर लगावै ||
३३)चंदन इत्र फुलेल चढावै, पुष्पन की माला पहनावै ||
३४) चंदन इत्र फुलेल चढावै, पुष्पन की माला पहनावै ||
३५) ले कपूर आरती उतारे, करे प्रार्थना जयति उचारे ||
३६) इच्छा पूरण करते जन की , होती सफल कामना मन की ||
३७) भक्त कष्ट हर अरि कुल घातक, ध्यान करत छूटत सब पातक ||
३८) जय जय जय प्रेताधिराज जय, जयति भूपति संकट हर जय ||
३९) जो नर पढत प्रेत चालीसा, रहत न कबहुँ दु:ख लवलेशा ||
४०) कह सुखराम ध्यानधर मन मे , प्रेतराज पावन चरनन में ||
|| दोहा ||
दुष्ट दलन जग अध हरन, समन सकल भव शूल, जयति भक्त रक्षक प्रबल, प्रेतराज सुख मूल ||
कष्ट हरो सब जनन के , प्रेतराज बल धाम, बसु निरंतर मम ह्रदय, कहत दास [सुखराम] ||
Pretraj ji ki Aarti — प्रेतराज जी की आरती
१) दीन दुखिन के तुम रखवारे, संकट जग के काटन हारे ॥
२) बालाजी सेवक जोधा, मन से नमन इन्हें कर लीजै ॥
३) जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे ॥
४) उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै ॥
५) बाबा के तुम आज्ञाकारी, हाथी पर करे असवारी ॥
६) भूत जिन्न सब थरथर काँपे, अर्जी बाबा से कह दीजै ॥
७) जिन्न आदि सब डर के मारे, नाक रगड़ तेरे पड़े दुआरे ॥
८) मेरे संकट तुरतहि काटो, यह विनय चित्त में धरी लीजै ॥
९) वेश राजसी शोभा पाता ढाल कृपाल धनुष अति भाता ॥
१०) मैं गिरा आनकर शरण आपकी, नैया पार लगा मेरी दीजै ॥
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