Shri Ram is famous for protecting Sharnagat (One who surrenders in his holy feet), a good heart person becomes Sharnagat — like Vibhishan, brother of a great Tantrik Ravana. As he carries bow and arrows, if he protects you no one can harm, even lord Hanuman also comes to help you.
To get his blessings, to make a connection with him, apart from chanting “Ram-Ram,” chanting Shri Ram Chalisa is also one of the ways. Though Hanuman Chalisa is much popular than this, but I believe this is going to help you a lot, too.
१) श्री रघुवीर भक्त हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
२) निशि दिन ध्यान धरै जो कोई, ता सम भक्त और नहिं होई ॥
३) ध्यान धरे शिवजी मन माहीं, ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥
४ ) जय जय जय रघुनाथ कृपाला, सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥
५ ) दूत तुम्हार वीर हनुमाना, जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥
६) तव भुज दंड प्रचण्ड कृपाला, रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥
७) तुम अनाथ के नाथ गोसाई, दीनन के हो सदा सहाई ॥
८) ब्रह्मादिक तव पारन पावैं, सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥
९) चारिउ वेद भरत हैं साखी, तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥
१०) गुण गावत शारद मन माँही, सुरपति ताको पार न पाहीं ॥
११) नाम तुम्हार लेत जो कोई, ता सम धन्य और नहिं होई ॥
१२) राम नाम है अपरम्पारा, चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥
१३) गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों, तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥
१४) शेष रटत नित नाम तुम्हारा, महि का भार शीश पर धारा ॥
१५) फूल समान रहत सो भारा, पाव न कोउ तुम्हरो पारा ॥
१६) भरत नाम तुम्हरो उर धारो, तासों कबहुँ न रण में हारो ॥
१७) नाम शत्रुहन ह्रदय प्रकाशा, सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥
१८) लषन तुम्हारे आज्ञाकारी, सदा करत सन्तन रखवारी ॥
१९) ताते रण जीते नहिं कोई, युद्ध जुरे यमहूं किन होई ॥
२०) महालक्ष्मी धर अवतारा, सब विधि करत पाप को छारा ॥
२१) सीता नाम पुनीता गायो, भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥
२२) घट सों प्रकट भई सो आई, जाको देखत चन्द्र लजाई ॥
२३) सो तुमरे नित पाँव पलोटत, नवो निद्धि चरणन में लोटत ॥
२४) सिद्धि अठारह मंगलकारी, सो तुम पर जावै बलिहारी ॥
२५) औरहु जो अनेक प्रभुताई, सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥
२६) इच्छा ते कोटिन संसारा, रचत न लागत पल की बारा ॥
२७) जो तुम्हरे चरणन चित लावै, ताकि मुक्ति अवसि हो जावै ॥
२८) जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा, निर्गुण ब्रह्मा अखण्ड अनूपा ॥
२९) सत्य सत्य सत्य सत्यब्रत स्वामी,सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥
३०) सत्य भजन तुम्हरो जो गावै, सो निश्चय चारों फल पावैं ॥
३१) सत्य शपथ गौरीपति किन्हीं, तुमने भक्तिहिं सब सिधि दीन्हीं ॥
३२) सुनहु राम तुम तात हमारे, तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे ॥
३३) तुमहिं देव कुल देव हमारे, तुम गुरु देव देव प्राण के प्यारे ॥
३४) जो कुछ हो सो तुम ही राजा, जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥
३५) राम आत्मा पोषण हारे, जय जय जय दशरथ के दुलारे ॥
३६) ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा, नमो नमो जय जय जगपति भूपा ॥
३७) धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा, नाम तुम्हार हरत संतापा ॥
३८) सत्य शुद्ध देवन मुख गाया, बजी दुंदुभि शंख बजाया ॥
३९) सत्य सत्य तुम सत्य सनातन, तुम ही हो हमरे तन मन धन ॥
४०) याको पाठ करे जो कोई, ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥
४१) आवागमन मिटै तिहि केरा, सत्य वचन माने शिव मेरा ॥
४२) और आस मन में जो होई, मन वांछित फल पावे सोई ॥
४३) तीनहुँ काल ध्यान जो ल्यावै, तुलसीदल अरु फूल चढ़ावै ॥
४४) साग पत्र सो भोग लगावै, सो नर सकल सिद्धता पावै ॥
४५) अन्त समय रघुवर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ॥
४६) श्री हरिदास कहै अरु गावै, सो वैकुण्ठ धाम को पावै ॥
॥ दोहा ॥
सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित्त लाय ।
हरिदास हरी कृपा से, अवसि भक्ति को पाय ॥
राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय ।
जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्ध हो जाये ॥
This Ram Chalisa ends at 46, I marked each line with a number, so you can’t miss even a single line while chanting and can count on your fingers.
The ending Doha tells, if you chant it for 7 days with concentration — you are going to get Rama’s blessing to fulfill your right wish.
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