अति का भला न बोलना अति की भली न चुप ॥
अति का भला न बरसना अति की भली न धूप ॥
— कबीर
Mauni Amavasya is celebrated on first Amavasya in Magha Month. Maun (मौन) means “silent”. In Maun Vrat (fast), people remain silent by mouth and by mind, शब्दोच्चार, फुसफुसाकर बात करना तथा मन ही मन सोचना सर्वथा वर्जित है। ये व्रत psychological दृस्टि से बहुत कठिन है, मुँह तो बंद किया जा सकता है, पर मन को रोक पाना इतना सरल नहीं है। पर एक बार मन को रोक लिया, मन पर काबू कर लिया तो फिर जीवन में कुछ भी मुश्किल नहीं रह जाता, क्योकि मन साधने से सब सध जाता है।
Time table of Vrat
ये अधिकतर, एक दिन के लिए, एक माह के लिए, छह माह की लिए अथवा अपनी क्षमता अनुसार साल या दो साल के लिए भी रख सकतें है। या ऐसा भी कर सकतें हैं की मुँह से तो बोलें पर दिन में ३-४ घंटे केवल मन रोककर व्रत रखें। क्योकि ढकोसला नहीं होना चाहिए ऐसा कुछ होना चाहिए जिससे की जीवन में सुधार आयें।
Benefits of Vrat
One who observe this Vrat, gets the status of “Muni.” Something like Ramana Maharshi, his most of life passed in Mauna. And according Advaita, by mind’s Mauna one gets enlightenment (though it isn’t as easy as it looks). When mind’s Mauna is perfected, one becomes Jivan-Mukta.
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