The is second Chalisa of Goddess Lakshmi; check, if you want to see another Chalisa — both are equally capable, choose as you wish. She is worshiped mostly in business class (Hindu) in India, that’s why they aren’t usually poor.
It is always a good choice if someone chants Shri Sukt of Rig Veda, Lakshmi Aarti, Lakshmi mantra and establish a Lakshmi Yantra or Kanakdhara Yantra in their home. And take Kamalgatta Rosary for counting purpose, and don’t forget to do Homa with Kamalgatta beads.
There are many thing you can do to attract Goddess Lakshmi, but first requirement is make your nature Sattvik — she represent not just money but many things essential to life and all that go with a good character. If you have lots of money but no children — it’s not Lakshmi. If you have lots of money + children, but not good health — it’s not Lakshmi. If you have lots of money + children + good health, but no respect or fame in others’ eyes — it’s not Lakshmi. Understood ? It means she gives not just one thing but many things.
|| दोहा ॥
जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ मात तव ध्यान ।
सिद्ध काज मम कीजिए निज शिशु सेवक जान ॥
॥ चोपाई ॥
१) नमो महालक्ष्मी जय माता, तेरो नाम जगत विख्याता ॥
२) आदि शक्ति हो मात भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी ॥
३) जगत पालिनी सब सुख करनी, निज जनहित भण्डारन भरनी ॥
४) श्वेत कतल दल पर तव आसन, मात सुशोभित है पदमासन ॥
५) श्वेताम्बर अरु श्वेता भूषन, श्वेतहि श्वेत सुसज्जित पुष्पन ॥
६) शीश छत्र अति रूप विशाला, गल सौहे मुक्तन की माला ॥
७) सुंदर सोहे कुंचित केशा, विमल नयन अरु अनुपम भेषा ॥
८) कमलनाल समभुज तवचारी, सुरनर मुनि जनहित सुखकारी ॥
९) अदभुत छटा मात तव बानी, सकलविश्व कीन्हो सुखखानी ॥
१०) शांतिस्वभाव मृदुल तव भवानी, सकल विश्व की हो सुखखानी ॥
११) महालक्ष्मी धन्य हो माई, पंच तत्व में सृस्टि रचाई ॥
१२) जीव चराचर तुम उपजाए, पशु पक्षी नर नारि बनाए ॥
१३) क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए, अमित रंग फल फूल सुहाए ॥
१४) छवि बिलोकि सुरमुनि नरनारी, करे सदा तव जय जयकारी ॥
१५) सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं, तेरे सम्मुख शीश नवावैं ॥
१६) चारहु वेदन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहीं पाया ॥
१७) जापर करहु मातु तुम दाया, सोई जग में धन्य कहाया ॥
१८) पल में राजाहि रंक बनाओ, रंक राव कर विलम्ब न लाओ ॥
१९) जिन घर करहु मात तुम बासा, उनका यश हो विश्व प्रकाशा ॥
२०) ओ ध्यावै सो बहु सुख पावै, विमुख रहै जो दुःख उठावै ॥
२१) महालक्ष्मी जन सुख दाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई ॥
२२) निजजन जानि मोहिं अपनाओ, सुख सम्पत्ति दे दुःख नसाओ ॥
२३) ॐ श्री श्री जय सुख की खानी, रिद्धि सिद्धि देउ मात जनजानी ॥
२४) ॐ ह्रीं ॐ ह्रीं सब ब्याधि हटाओ, जनउन बिमल दृष्टि दर्शाओ ॥
२५) ॐ क्लीं ॐ क्लीं शत्रुन क्षय कीजै, जनहित मात अभय वर दीजै ॥
२६) ॐ जय जयति जय जननी, सकल काज भक्तन के सरनी ॥
२७) ॐ नमो नमो भवनिधि तारनी, तरणि भंगर से पार उतारनी ॥
२८) सुनहु मात यह विनय हमारी, पुरवहु आशन करहु अबारी ॥
२९) ऋणी दुःखी जो तुमको ध्यावै, सो प्राणी सुख सम्पत्ति पावै ॥
३०) रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई, ताकी निर्मल काया होई ॥
३१) विष्णु प्रिया जय जय महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी ॥
३२) पुत्रहीन जो ध्यान लगावै, पाये सुत अतिहि हलसावै ॥
३३) त्राहि त्राहि शरणागत तेरी, करहु मात अब नेक न देरी ॥
३४) आवहु मात विलम्ब न कीजै, हृदय निवास भक्त बर दीजै ॥
३५) जानूँ जप तप का नहिं भेवा, पार करौ भवनिधि बन खेवा ॥
३६) बिनवों बार बार कर जोरी, पूरण आशा करहु अब मेरी ॥
३७) जानि दास मम संकट टारौ, सकल व्याधि से मोहिं उबारौ ॥
३८) जो तव सुरति रहै लिव लाई, सो जग पावै सुयश बड़ाई ॥
३९) छायो यश तेरा संसारा, पावत शेष शम्भु नहिं पारा ॥
४०) गोविंद निशदिन शरण तिहारी , करहु पुरान अभिलाष हमारी ॥
॥ दोहा ॥
महालक्ष्मी चालीसा पढ़ै चित लाय, ताहि पदार्थ मिलै अब कहै वेद अस गाय ॥
Here it is sung by Anuradha Paudwal, after Chalisa there is Ashtak in video (which you may find in my another post):
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