बलिहारी राधा दामोदर जी की ॥
कार्तिक स्नान का महत्व व्रत, पर्वो, तथा त्योहारों में बहुत अधिक है। ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक का स्नान सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है, लगभग सुबह 4 से 6 के बीच में।
Kartik Snan runs for a month, it starts from Sharad Purnima and ends at Vateshwar Purnima, during this time period people take bath at Ganga in early morning. Those who don’t live nearby any Ganga or any river, they mix Gangajal in a Balti (बाल्टी), consider it the Gangajal and then take bath.
After early morning bath, people either go to a temple or in their home, they worship Radha and Damodar (lord Krishna). Those who can afford they provide 56 kinds of Bhoga to Radha and Damodar. During this time, poor people are fed and cared for medical treatment.
It is said, कार्तिक का महीना, मनुष्य की समस्त कामनाओ को सिद्ध करने वाला, पापो का नाश करने वाला, तथा श्रेष्ठ फलदायक है। इस महीने मनुष्य को भक्ति भाव से रहते हुए पुरे महीने भजन, कीर्तन, मंत्र जाप, तथा अनुष्ठान वगैरहा में समय का सदुपयोग करना चाहिए। जो लोग नौकरी पेशा वाले हैं उनको सुबह शाम पूजा करनी चाहिए या फिर एक समय तो जरूर ही करनी चाहिए।
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