Like Diwali, Holi is an important festival, it represents brotherhood and victory of truth over evil. This day, people color each other by abir, gulal and water-color as a representation of their love; hug each other; distribute sweets; and worship their deities.
Timings & Date of Holi: According Hindu calendar, Holi falls on Falgun Vadi Purnima. This day Holi (pile of cow dung and woods) is worshiped both in day and at night. And next day people play with colors. There are three terms — puja wali Holi, rang wali Holi, and Dhulandi; in this puja wali is main holi, and both rang wali and Dulandi are the same thing, to play with color, next to main Holi.
Holi Puja Vidhi & Samagri
सुबह को सबसे पहले अपने घर में ही देवी देवताओ की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए। हनुमानजी को अवश्य पूजन करना चाहिये, तथा इसके अलावा अपने कुल के देवी देवता को, पितरों को भी पूजना चाहिये।
अपनी पूजा करने के बाद सामूहिक रूप से जो होली रखी जाती है उसको जाकर पूजन चाहिए, साधारण पूजा में टिका लगाना, फूल, धूप एवं दीप लगाना, भोग देना तथा जल अर्पण करना होता है। सामूहिक पूजा में गाय के गोबर के कंडे तथा कुछ लकड़िया भी दान में देनी चाहियें। पूजा करने के बाद होली की परिक्रमा करें तथा हाथ जोड़कर घर वापिस आ जायें।
इसकी बाद होली में जब भी अग्नि दी जाती है तब भी होली की पूजा व परिक्रमा की जाती है, ज्यों के बाल भूने जातें हैं। अगर घर में होली रखी हुए है तो वहां से किसी थाली में कुछ अग्नि ले आयें तथा उससे घर की होली प्रज्ज्वलित करें तथा कुछ ज्यों के बाल घर में भी भूनकर आपस में बाटें तथा पुरुष पुरष के गले मिले तथा स्त्री स्त्री के गले मिले। बड़ों के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।
अगले दिन सुबह के समय घर में जली हुए होली की राख को सामूहिक जली हुई राख में डाल आयें तथा अब रंग वाली होली खेलने की तैयारी करें।
Important thing for married woman: अगर किसी स्त्री की नयी शादी हुई है तो वो पहली होली अपने घर (मायका) जाकर मानती है।
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