Let’s dance !
You might have heard Shiva Tandav Stotra (or perhaps might have listened), there is Hanuman Tandav Stotra too — as Hanuman ji is an avatar of Shiva, his Tandava Stotra is not any lesser than Shiva’s.
Here it is as following, I think it needs lots of stamina. Note that I’m not sure who has written it, once I knew you will get the name.
हनुमान तांडव स्तोत्र :
॥ दोहा ॥
डगमग पग लग डोलती, थग थग धरणी थाय।भगतवसल इण भुवन से, जग जग जस नह जाय ॥
गढ़ लंका सब गोखड़ा, भांगया तु भरपूर, उछल उछल उधयान में, रमे रास लंगूर ॥
॥ छंद रेणकी ॥
1) रट रट मुख राम, निपट झट नटखट, परगट तांडव रुप रचे ॥
2) कट कट कर दंत, पटक झट तरु वट, लपट झपट कपि नाच नचे ॥
3) दट दट झट दोट, चोट अति चरपट, लट पट दाणव मार लहै ॥
4) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
5) फरररर आभ, पंथ बहे फररर, घररर नाद युँ साद घुरे ॥
6) डर डर कर सोय, अचर अरु वनचर, फर फर नभचर, आज फरे ॥
7) थर थर अति पीठ, कमठ थिर थिरके, ढररर लंका कोट ढहै ॥
8) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
9) हड़ड़ड़ हाक धाक देय हनुमंत, कड़ड़ड़ यु ब्रह्मण्ड कंपे ॥
10) गड़ड़ड़ गाज आभ होवे गड़ गड़, धड़ड़ड़ कोप धरा धरपे ॥
11) चड़ चड़ गिरी सूर, हूर हस हड़ हड़, तड़तड़ करतल नाद वहै ॥
12) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
13) बळ वळ अति प्रबळ, निर्मळ मुख मळकत, जळकत शशि जिम रूप जयो ॥
14) पळ पळ प्रतिबिम्ब, जळळ तळ थळ जळ, भळळळ भाण उजाण भयो ॥
15) हळळळ हीर वीर होवे हळ हळ, छळ छळ वपु वळ रुप वहै ॥
16) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
17) रजनीचर समर, धरे अज अनुचर कर कर धर वध, ढेर करे ॥
18) निरखत सब नजर, देव नर किन्नर, भर भर उर अति नूर भरे ॥
19) हर हर कर नगर डगर धर बंदर, घर घर अंदर अगन दहै ॥
20) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
21) खळ खळ अति रगत, बहे नद खळळळ, ढळळळ आंत्रड़ भोम ढळे ॥
22) खळ दळ झट मचळ, घसळ दय वळ वळ, गळळळ काळज पेट गळे ॥
23) दळ दळ सोय नाथ हाथ जु खळ दळ, पळ पळ शिव सब खबर लहै ॥
24) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
25) दट दट भट मुंड, शुंड शर कट कट, लट लट धरणी सीस रढे ॥
26) पट पट भट हाथ लेय झट पटकत, चटकत प्राण जु बाण चढ़े ॥
27) गट गट झट गटक, झटक लहु जोगण, मरघट के सम लंक वहै।
28) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
29) भर भर भणडार, द्वार सुख सागर, नागर निश दिन आप नमों ॥
30) घर पर धन धान देय हर धीणो, समरथ कुण धर आप समों ॥
31) हर हर ‘जगमाल’, रटे निशि वासर, कथे छंद फरजंद कहै ॥
32) जय जय हनुमान, जयति जय जय जय, बिकट पंथ बजरंग बहै ॥
॥ छप्पय ॥
कड़ड़ दंत कड़ड़ाट, नाट नटराज नचायो, धड़ड़ धरा धड़ड़ाट, दाट दैतांण डचायो ॥
हड़ड़ हचे हडुमान, गान चारण मिळ गावै, अखिल उचारे ओम, वयोम पुष्प वरसावे ॥
हड़ड़ड़ हसें श्री राम हिव, हेर जुद्ध हड़मान रो, जगमाल कवी जपियो जबर, गजब गीत गुणगान रो ॥
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