Below is popular Bajrang baan, if you are a Satvik person, this is a kind of Amogh Astra mainly to the negative forces (bhoot, pret, etc.,) -- one must chant this 11 times every day. If you have too much problem increase the number of chants to 108 per day for 40 days, do this anushthan four times. But before doing so it is better to use Ram Raksha stotra or Hanuman / Panchmukhi-Hanuman Kavach along with -- a Kavach works like a shield and an Astra works like a weapon. And one needs both to deal with negative energies.
अथ बजरंग बाण
The most popular one with 35 चौपाई
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
॥ चोपाई ॥
१) जय हनुमंत सनत हितकारी, सुन लीजे प्रभु अरज हमारी
२) जन के काज बिलंब न कीजे, आतुर दौरि महा सुख दीजे
३) जैसे कूदि सिंधु बहि पारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा
४) आगे जाई लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुर लोका
५) जाय विभीषण को सुख दीन्हा, सीता निरखि परम पद लीन्हा
६) बाग़ उजारि सिंधु मह बोरा, अति आतुर यम कातर तोरा
७) अक्षय कुमार को मारि संहारा, लूम लपेटि लंक को जारा
८) लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर में भई
९) अब बिलंब के कारन स्वामी, कृपा करहु उर अंतर्यामी
१०) जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता, आतुर होई दुःख करहु निपाता
११) जय गिरिधर जै जै सुख सागर, सुर समूह समर्थ भट नागर
१२) ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले, बैरिहि मारू बज्र की कीले
१३) गदा बज्र ले बैरिहि मारो, महाराज प्रभु दास उबारो
१४) ॐ कार हुंकार प्रभु धावो, बज्र गदा हनु बिलंब न लावो
१५) ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा, ॐ हूं हूं हूं हनु अरिउर शीशा
१६) सत्य होउ हरि शपथ पाय के, राम दूत धरु मारू धाय के
१७) जय जय जय हनुमंत अगाधा, दुःख पावन जन केहि अपराधा
१८) पूजा जप तप नेम अचारा, नहि जानत कुछ दास तुम्हारा
१९) बन उपबन मग गिरि गृह माहि, तुम्हरे बल हम डरपत नाही
२०) पाय पारो कर जोरि मनावो, यहि अवसर अब केहि गौहरावो
२१ ) जय अंजनी कुमार वलबंता, शंकर सुवन धीर हनुमंता
२२) बदन कराल काल कुल घालक, राम सहाय दास प्रति पालक
२३) भूत प्रेत पिशाच निशाचर, अग्नि बैताल काल मारीमर
२४) इन्हे मारू तोहि शपथ राम की, राख नाथ मर्याद नाम की
२५) जनक सुता हरिदास कहावो, ताकि शपथ विलम्ब न लावो
२६) जय जय जय धुनि होत आकाशा, सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा
२७) चरण शरण करि जोरि मनावो, यहि अवसर अब केहि गौहरावो
२८) उठु उठु चालु तोहि राम दोहाई, पाय परो कर जोरि मनाई
२९) ॐ चं चं चं चपल चलंता, ॐ हनु हनु हनु हनुमंता
३०) ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल दल
३१) अपने जन को तुरित उबारो, सुमिरत होय आनंद हमारो
३२) ये बजरंग बाण जेहि मारे, ताकि कहो फिर कोन उबारे
३३) पाठ करे बजरंग बाण की, हनुमत रक्षा करे प्राण की
३४) यह बजरंग बाण जो जपे, तेहिते भूत प्रेत सब काँपे
३५) धूप देय अरु जपे हमेशा, ताके तन नहीं रह कलेशा
॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै सदा धरै उर ध्यान। तेहि के कारज सकल शुभ सिद्ध करैं हनुमान
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