“Om Jai Lakshmi Mata…” is popular Aarti, no-one forgets to chant it during Deepawali days — to be wealthy, it should be chanted everyday.
Fourteen (14) Ratnas that are mentioned at line seven of Lakshmi Aarti are: 1) कालकूट विष, 2) कामधेनु , 3) उच्चैश्रवा घोड़ा, 4) ऐरावत हाथी, 5) कौस्तुभ मणि, 6) कल्पवृक्ष, 7) रंभा अप्सरा, 8) देवी लक्ष्मी, 9) वारुणी देवी, 10) चंद्रमा, 11) पारिजात वृक्ष, 12) पांचजन्य शंख, 13) भगवान धन्वंतरि, and 14) अमृत कलश. It means without Lakshmi, you can’t enjoy life; and if, she is with you — you will enjoy everything in life.
१) ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निशदिन सेवत हर विष्णु धाता ॥
२) ब्राह्मणी रुद्राणी कमला तू ही है जग माता, सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता ॥
३) दुर्गा रूप निरंजनि सुख संपत्ति दाता, जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि सिद्धि पाता ॥
४) तू ही है पाताल बसन्ती तू ही शुभ दाता, कर्म प्रभाव प्रकाशिनि भवनिधि की त्राता ॥
५) जिस घर तेरा बासा जाहि में गुण आता, कर न सके सो करले असीमित धन पाता ॥
६) तुम बिन यज्ञ नहीं होवे वस्त्र न कोई पाता, खान पान का वैभव सब तुमसे आता ॥
७) शुभ गुण मंदिर सुन्दर क्षीरोदधि जाता, रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता ॥
८) महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई जन गाता, उर में आनंद समाता पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता ॥
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